इसे सांस्कृतिक ‘पुनर्जागरण’ कहें या कि ‘समर्पण’, लाहौल के तांदी में चन्द्रा और भागा नदियों के संगम स्थल पर पिछले दो सालों से मनाया जाने…

‘पत्थल गढ़ी’, केंद्रीय भारत के आदिवासियों क्षेत्रों में प्रचलित एक पुरानी प्रथा है जिसमें आदिवासी लोग पत्थर या शिला को अंकित करके ज़मीन पर गाड़ते…

हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य के कुछ नये क्षेत्रों, जिनमें ज़िला कुल्लू का मलाणा, पंद्रह-बीस, शिमला का पंद्रह-बीस, डोडराक्वार, ज़िला सिरमौर का गिरिपार तथा कई…

लाहौल घाटी की उप घाटी पट्टन (मूलिङ्ग, घुशाल सहित गांव तांदी से तिन्दी तक), जहां संस्कृत (प्राच्य भारतीय आर्य) एवं भोटी (तिब्बती बर्मी) परिवार की…

स्वतंत्र भारत के संविधान में देश के एक चौथाई निषेधाधिकारी, शोषित, दलित और हाशिये पर रखे गए लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा हेतु कुछ विशेष…

20 मार्च को सर्वोच्च न्यायालय के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को कमजोर करने वाला निर्णय आने के बाद, 2 अप्रैल का…

‘‘मैं बाबा साहब के कारण प्रधानमंत्री हूं…. ।’’ छतीसगढ़ के माओवाद से प्रभावित ज़िला बीजापुर में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 127वीं जयन्ती के अवसर…

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ द्वारा कुछ दिन पहले ‘आईई-100’ 2018, ‘द लिस्ट ऑफ मोस्ट पावरफुल इंडियन्स’ का प्रकाशन किया गया। वैसे तो समाचार पत्र द्वारा यह…

जब से होश संभाला है तब से एक वर्ग विशेष के लोगों के लिए ‘आरक्षित’, ‘कोटे का’, ‘बैकडोर’, ‘सरकारी दामाद’ आदि-2 विशेषणों का प्रयोग होते…