मुंबई हमले का गुनहगार 17 साल बाद भारत की गिरफ्त में
26/11 मुंबई आतंकी हमले को लेकर भारत ने एक बड़ा कदम उठाया है। मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का करीबी और आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा अब भारत की जांच एजेंसी NIA की हिरासत में है। 64 वर्षीय राणा, जो पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, को अमेरिका से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया है।
मुख्य बिंदु:
- 26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा भारत लाया गया l
- एनआईए ने पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया, 18 दिन की रिमांड मिली
- डेविड हेडली से ईमेल और बातचीत के सबूत कोर्ट में पेश
- भारत की कूटनीतिक जीत, दुनिया को दिखाया आतंक के ख़िलाफ़ जीरो टॉलरेंस
- एनआईए ने जारी की तहव्वुर राणा की पहली तस्वीर
NIA का खुलासा: राणा को फंसाने वाले ईमेल और बातचीत
एनआईए ने कोर्ट को बताया कि डेविड कोलमैन हेडली ने हमले से पहले तहव्वुर राणा से संपर्क कर ईमेल और बातचीत के जरिए पूरी साजिश साझा की थी। इस ईमेल में न सिर्फ हमला कैसे किया जाएगा, बल्कि उसमें इस्तेमाल होने वाला सामान और फंडिंग की डिटेल्स भी थीं।
इसमें इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की संलिप्तता का भी ज़िक्र किया गया था। कोर्ट में पेश इन सबूतों से साफ है कि राणा सिर्फ एक सहयोगी नहीं, बल्कि साजिश का अहम हिस्सा था।
हथकड़ी में नजर आया मास्टरमाइंड – NIA ने जारी की तस्वीर
एनआईए ने तहव्वुर राणा की पहली तस्वीर जारी की है, जिसमें वह सफेद दाढ़ी, काले चश्मे, और भूरे लबादे में नजर आ रहा है। उसके हाथों और कमर में हथकड़ियां लगी हुई हैं। दोनों तरफ NIA अफसरों ने उसे पकड़ रखा है। तस्वीर में राणा बेहद बेबस और लाचार दिख रहा है।
अभी असली खेल बाकी है – NIA की पूछताछ से खुलेंगे कई राज
कोर्ट ने तहव्वुर राणा को 18 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। अब NIA की पूछताछ से कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। जैसे-जैसे राणा सच उगलेगा, 26/11 की परतें खुलेंगी और आतंक की जड़ें उजागर होंगी।
भारत की कूटनीतिक जीत, आतंक के ख़िलाफ़ बड़ा संदेश
राणा को भारत लाना केवल एक गिरफ्तारी नहीं, बल्कि भारत की कूटनीतिक रणनीति की सफलता है। यह दुनिया को एक सख्त संदेश है – भारत आतंक के ख़िलाफ़ किसी भी हद तक जा सकता है।