ग्लोबल टाइगर डे, जिसे जिसे आम भाषा में अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस कहा जाता है, बाघ संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने का वार्षिक उत्सव है, जिसे 29 जुलाई को हर साल आयोजित किया जाता है। इस दिन को 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर शिखर सम्मेलन में घोषित किया गया था। बाघ दिवस का लक्ष्य बाघों के प्राकृतिक निवास स्थान की रक्षा के लिए और बाघ संरक्षण मुद्दों के लिए सार्वजनिक जागरूकता और समर्थन बढ़ाने के लिए एक वैश्विक प्रणाली को बढ़ावा देना है।
2016 की वैश्विक जनगणना के अनुमान के मुताबिक, विश्व भर में मात्र 3,890 बाघ ही बचे हैं। इनके अस्तित्व पर लगातार खतरा मंडरा रहा है और यह प्रजाति विलुप्त होने की स्थिति में है। वहीं दूसरी और नवीनतम आधिकारिक गणना के अनुसार, भारत 2,226 बाघों का घर है, जो लुप्तप्राय बड़ी बिल्ली प्रजातियों की वैश्विक आबादी का 70 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।
2016 में तत्कालीन पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि “पिछले दो सालों में, संख्या (बाघों की) बढ़ गई है और आज के अनुमान के मुताबिक भारत में करीब 2,500 बाघ हैं।”
जहां एक और भारत मेंं 1974 में जब प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया तब बाघों की आबादी 1800-2200 थी तो ऐसे में 2016 के ये आंकड़े किसी भी तरह से सराहनीय नहीं कहे जा सकते। हांलाकि भारत सरकार भी लुप्त होती प्रजातियों के संरक्षण के लिए कई कार्यक्रम शुरू किए।
कई प्रोजक्ट ऐसे है जिनके चलते बाघों की संख्या को बढ़ाना बेहद मुश्किल रहता है। अगर हम चाहते है कि बाघों की संख्या और तेजी से बढ़े तो इसके लिए जंगलों को बचाना होगा। साथ ही माइनिंग, अवैध निर्माण, राजमार्ग, रेलवे लाइन और नए शहर को जगलों से दूर रखना होगा।
इनके संरक्षण के लिए दुनिया भर में मुहीम चल रही है , लेकिन फिर भी पर्यावरणविदों का मानना है कि यदि इनकी संख्या घटने की रफ्तार ऐसी रही तो आने वाले एक-दो दशक में बाघ का नामो निशान इस धरती से मिट जाएगा।
हर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों पर अपनी राय रखने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में अभी तक इस विषय पर कोई ट्वीट नहीं किया है। सद्प्रयास की टीम ने आप तक खबर पहुंचाने से पहले इस बात की पुष्टि उनके ट्विटर अकाउंट से कर ली है।
वहीं दूसरी और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ओडिशा के सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने एक बेहतरीन कलाकृति बना कर बाघों को बचने की अपील की है। देश भर से राजनेता और बॉलीवुड कलाकार #InternationalTigerDay से ट्वीट करके बाघों को बचने की अपील कर रहे हैं।
Today is #InternationalTigerDay. Let us pledge to protect the national animal of India. One of my SandArts. #SaveTiger pic.twitter.com/utsGlVqgMe
— Sudarsan Pattnaik (@sudarsansand) July 29, 2017