लाहौल की संस्कृति के नाम जितनी भी सामग्री प्रिंटेड, औडियो व वीडियो, जिसमें ‘घुरई’, राग आदि शामिल हैं,जिस भाषा में प्रकाश में आयी है। उस भाषा का नाम ‘चिनलभाशे’ है, जो लाहौल मूल निवासी समुदायों में एक है जिसे दलित माना जाता है।
उस भाषा के कुछ शब्दों के अर्थ का एक नमूना दे रहा हूं, जिससे कि लोक गीतों के अर्थ को समझने में सहायता मिल सके और जो मेरे अप्रकाशित शब्दकोश ‘चिनलभाशे हिन्दी शब्दकोश’ से, उदाहरण स्वरूप लिए गए हैं। शब्दकोश में शुरुआत में अभी लगभग 8 हज़ार शब्दों का संकलन किया गया है।
युवाओं, विशेषकर लाहौल के, से अनुरोध है कि वे भीड़ न बने बल्कि एक तर्क संगत विचारक की तरह कार्य करें। क्योंकि लाहौल में कुछ वर्गों के साथ अन्याय हुआ और कुछ क्षेत्रों की उपेक्षा हुई है।
डिजिटल होने से अधिक आवश्यक है रेशनल होना।