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पावरफुल इंडियन्स लिस्ट में महिलाओं की हिस्सेदारी घटी, पत्रकार गायब

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ द्वारा कुछ दिन पहले ‘आईई-100’ 17, ‘द लिस्ट ऑफ मोस्ट पावरफुल इंडियन्स’ का प्रकाशन किया गया। वैसे तो समाचार पत्र द्वारा यह लिस्ट हर साल प्रकाशित की जाती है, लेकिन मेरे रिकार्ड में सिर्फ 2014, 2016 व 2017 तीन वर्षों की सूचियां ही उपलब्ध थीं। इस लिए इन्हीं के आधार पर कुछ निष्कर्ष निकालने के प्रयास किए गए हैं और जिनको आप से सांझा कर रहा हूं।

1.    यद्यपि महिला सशक्तिकरण पर देश बहुत संजीदा है फिर भी महिलाएं शीर्ष की हिस्सेदारी में अभी बहुत पीछे हैं। 2014, 2016 तथा 2017 में महिलाओं का हिस्सा क्रमश: 13%, 15% व 10% है।
2.    राजनेताओं का हिस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है, जो 2014 में 43% था वह बढ़ कर 2017 में 56% हो गया।
3.    कारपोरेटर का हिस्सा 2014 में 24% था वह 2017 12% रह गया, यद्यपि एक तरफ यह घट रहा है लेकिन दूसरी और मुकेश अंबानी जो 2014 की सूची में 16वें स्थान पर था वह 2017 में 7वें स्थान पर पहुंच गया। यानि महा कारपोरेटर की शुरुआत।
4.    नौकरशाह और टेक्नोक्रेट्स का हिस्सा धीरे-2 बढ़ रहा है। 2014 में 8% से बढ़ कर 2017 में 12% हो गया।
5.    समाज कार्यकर्ताओं के हिस्से में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, 2014 से लगातार 3% बना हुआ है।
6.    विधिक क्षेत्र जिसमें न्यायधीश व प्रख्यात कानूनविध शामिल हैं 2014 जिनकी संख्या 6 थी, 2016 में घट कर 3 हो गयी लेकिन 2017 में वह फिर 7 हो गई।
7.    सिनेमा जगत का हिस्सा 2014 के मुकाबले 2017 में 1% घटा है।
8.    बैंकर्स के हिस्से में कोई फर्क नहीं पड़ा, वह 3% बना रहा।
9.    खिलाड़ियों का हिस्सा जो 2014 में 3% था वह घट कर 2017 में 1% रह गया।
10.  कलाकारों का हिस्सा 2014 में 1% था वह शून्य हो गया।
11.   पत्रकारों के मामले में 2014 में जो 3% था, बढ़ कर 2016 में 4% हुआ और 2017 में वह शून्य हो गया।

विशेष:

1.नरेन्द्र मोदी 2014 से 2017 तक लगातार पहले स्थान पर स्थिर हैं।
2. जबकि अमित शाह जो 2014 में 18वें स्थान पर थे 2017 में उछल कर 2सरे स्थान पर पहुंच गये हैं।
3. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत जो 2016 में 2सरे स्थान पर थे 2017 में खिसक कर 3रे स्थान पर हैं।
4. सोनिया गांधी और राहुल गांधी 2014 में क्रमश: 3सरे व 2सरे स्थान पर थे, 2017 में खिसक कर 9वें और 10वें स्थान पर पहुंच गए हैं।
5. 2014 में केजरीवाल 4थे स्थान पर थे लेकिन 2017 में फिसल कर 33वें स्थान पर है।
6. इसी तरह 2014 में क्षेत्रीय नेत्रियां जय ललिता, ममता बनर्जी व मायावती जो अपने दम पर क्रमश: 6टे, 7वें व 8वें स्थान पर विराजमान             थीं। 2017 में उनमें जय ललिता तो रही नहीं, ममता 14वें तथा मायावती 50वें स्थान पर पहुंच गई हैं।

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