National Education Policy -नई शिक्षा नीति पर पेश है :-
बूचड़खानों में जानवर नहीं, अंगूठे कटेंगे
अब फिर द्रोण होंगे
अब फिर एकलव्य बनेंगे
अब फिर अंगूठे कटेंगे
अब फिर ‘धनुर्धारी’
सिर्फ अर्जुन बनेंगे।
अब फिर ब्राह्मण होंगे
अब फिर ब्रह्मा बनेंगे
अब फिर मुख से ब्राह्मण
अब फिर देवता, सम्राट, श्रेष्ठी बनेंगे
कोई पावों से शूद्र/अछूत बनेंगे।
तब स्तरीकरण जन्माधारित था
जो जहां जना वहीं मरा
तब ब्रह्मा का अवतार ब्राह्मण
विष्णु का राजा बना
तब सामाजिक शूद्र/अछूत बने।
अब जो जितना बड़ा लुटेरा
उसका उतना ऊंचा रुतबा
जमीं तो जमीं
अब आसमां और सागर भी उसका
अब आर्थिक शूद्र/अछूत बनेंगे।
अब एक नहीं
कई द्रोण बनेंगे
अब एक नहीं
अनेक एकलव्य पैदा होंगे
बूचड़खानों में जानवर नहीं, अंगूठे कटेंगे।
National Education Policy
