तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि (M Karunanidhi) का चेन्नई के मरीना बीच पर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार (Karunanidhi Burial) किया गया. उनके पार्थिक शरीर को सुपुर्दे खाक कर दिया गया. पूर्व मुख्यमंत्री के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर उनके मार्गदर्शक और द्रमुक संस्थापक सीएन अन्नादुरई की समाधि के पास पूरे राजकीय सम्मान के साथ दफनाया गया.
इससे पहले तीनों सेनाओं के कर्मियों ने उनके ताबूत को जैसे ही उठाया वैसे ही ‘करुणानिधि अमर रहें’ के नारे गूंजने लगे. करुणानिधि का पार्थिव शरीर सेना की खुली गाड़ी में मरीना बीच तक पहुंचा. उनके बेटे एमके स्टालिन और तमीझरासू समेत परिवार के अन्य सदस्य नम आंखों के साथ उनके साथ चल रहे थे. उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हजारों लोगों ने काली कमीज पहनी हुई थी और वे दिवंगत नेता की तस्वीरें और तख्तियों थामे हुए थे. करुणानिधि के पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय ध्वज में लपेटा गया और उन्हें काला चश्मा, पीली शॉल, सफेद कमीज और धोती पहनाई गई थी. इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विभिन्न राजनीतिज्ञों ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी.
बता दें कि एम करुणानिधि (M Karunanidhi) का मंगलवार को निधन (Karunanidhi Death) हो गया. एम करुणानिधि 94 साल के थे. पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि काफी समय से बीमार चल रहे थे. बीते 28 जुलाई को तबियत बिगड़ने के बाद चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मंगलवार की शाम 6 बजकर 10 मिनट पर करुणानिधि का निधन हो गया. द्रमुक प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के निधन पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित तमाम नेताओं ने शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी.
तमिलनाडु सरकार ने विपक्षी द्रमुक को उसके दिवंगत नेता पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि को दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह देने से इनकार कर दिया और उसे इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री सी राजगोपालचारी और के कामराज के स्मारकों के समीप जगह देने की पेशकश की थी. सरकार के इस कदम पर विवाद पैदा हो गया था और मामला मद्रास हाईकोर्ट तक पहुंच गया था, जिस पर आज सुबह 8 बजे सुनवाई हुई थी. डीएमके की याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद फैसले में कहा कि करुणानिधि को मरीना बीच पर ही दफनाया जाएगा.