हिमाचल के HPPCL इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत पर बड़ा मोड़। हाईकोर्ट ने SIT जांच पर सवाल उठाते हुए CBI जांच के आदेश दिए। जानिए पूरा मामला और सियासी हलचल।
🧊 Sadprayas Exclusive Report
हिमाचल HPPCL इंजीनियर मौत मामला: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, अब होगी CBI जांच
हिमाचल प्रदेश में एक और संवेदनशील मामला सुर्खियों में है—HPPCL के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत ने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। अब इस केस की जांच CBI को सौंप दी गई है, जो यह साबित करता है कि न्याय की लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है।
🧍♂️ कौन थे विमल नेगी?
विमल नेगी, HPPCL में मुख्य अभियंता पद पर कार्यरत थे। 10 मार्च 2025 को वह अचानक लापता हो गए और आठ दिन बाद उनका शव गोविंद सागर झील से मिला। उनकी पत्नी किरण नेगी ने आरोप लगाया कि नेगी को उनके वरिष्ठ अधिकारी लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे, जिसकी वजह से वे तनाव में थे।
🔍 SIT जांच पर उठे सवाल
राज्य पुलिस की SIT द्वारा की गई शुरुआती जांच में कई खामियां सामने आईं। एक अहम सुराग — पेनड्राइव — को SIT के एक कांस्टेबल ने कथित तौर पर छिपा दिया और उसमें से डेटा भी मिटा दिया गया। जब दोबारा जांच हुई तो वही पेनड्राइव से 14,000 पन्नों का डेटा रिकवर हुआ।
⚖️ हाईकोर्ट का हस्तक्षेप और CBI जांच
हाईकोर्ट ने SIT की जांच को ‘अपूर्ण और पक्षपातपूर्ण’ बताया और पुलिस को चार्जशीट दाखिल करने से रोक दिया। अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में केवल CBI जैसी स्वतंत्र एजेंसी ही निष्पक्ष जांच कर सकती है।
🗳️ राजनीति गरमाई, भाजपा ने सरकार को घेरा
भाजपा नेताओं ने इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार दोषियों को बचाने में लगी थी और CBI जांच से बचना चाहती थी। विपक्ष ने इसे ‘भ्रष्टाचार और दबाव की राजनीति’ करार दिया।
📲 सोशल मीडिया पर गूंजा #JusticeForVimalNegi
विमल नेगी के लिए न्याय की मांग अब जनता की आवाज बन चुकी है। ट्विटर, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #JusticeForVimalNegi ट्रेंड कर रहा है। लोग न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।