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चाइना की भारत को धमकी; कहीं भी पहुंच सकती है चीनी सेना, अमेरिका और जापान बचाने नहीं आएंगे

चीन की सरकार द्वारा चलाये जा रहे अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है। अखबार में शुक्रवार को छपे संपादकीय में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के डोकलाम गतिरोध पर भारतीय संसद में दिए गए बयान को “झूठा” बताया गया है। अखबार ने डोकलाम इलाके से दोनों देशों द्वारा एक साथ सेनाएं हटाने को भारत का “दिवास्वप्न” बताया है।

संपादकीय में भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की भी धमकी दी गई है। इस संपादकीय में लिखा गया है, “अगर भारत अपने सैनिक नहीं हटाता है तो चीन के पास आखिरी विकल्प है उससे लड़ाई और बगैर किसी कूटनीति के संघर्ष का खात्मा।” चीन में एक ही राजनीतिक पार्टी (कम्युनिस्ट पार्टी) है जो 1949 से ही सत्ता में है। चीन में मीडिया पर सरकार का पूरी तरह नियंत्रण है।

भारतीय विदेश मंत्री ने संसद के मॉनसूत्र में साफ किया था कि चीन डोकलाम के त्रिमुहाने वाले इलाके में यथास्थिति बदलना चाहता है और इससे भारत की सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ सकता है। डोकलाम इलाके में चीन भारी सैन्य वाहन और टैंक की आवाजाही लायक सड़क बनाना चाहता है।  डोकलाम इलाके को चीन अपना डोंगलॉन्ग इलाका बताता है।

चीनी अखबार ने कहा, “भारतीय विदेश मंत्री ने “झूठ” बोला, सबसे पहली बात ये है कि भारत ने उस इलाके में घुसपैठ किया है, भारत के रवैये से पूरी दुनिया हैरान है और उसे किसी देश का समर्थन नहीं मिल रहा है।” चीनी अखबार ने लिखा है कि “…दूसरी बात ये है कि सैन्य क्षमता के मामले में भारत चीन से बहुत पीछे है और मामले ने सैन्य समाधार का रुख किया तो इसमें कोई संदेह नहीं कि हार भारत को होगी।”

अखबार ने लिखा है कि भारत को डोकलाम का ख्वाब देखना छोड़ देना चाहिए। संपादकीय में लिखा गया है कि चीन कभी भी दोनों तरफ से सेना हटाने पर सहमत नहीं होगा। अखबार ने लिखा है कि अगर चीन और भारत के बीच युद्ध होगा तो अमेरिका और जापान उसकी मदद नहीं करेंगे।

अखबार ने लिखा है कि चीनी जनता भी भारत के खिलाफ युद्ध की कीमत पर भी एक-एक इंच भूमि की रक्षा की समर्थक है। अखबार ने लिखा है कि भले ही भारतीय सैनिकों की संख्या ज्यादा हो लेकिन चीनी सेना के तेज परिवहन क्षमता से किसी भी मोर्च की स्थिति बहुत कम समय में बदल सकती है। चीनी अखबार ने लिखा है कि भारत ने 1962 में भी चीन को आंकने में गलती की थी जिसकी उसे कीमत चुकानी पड़ी थी।

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