महाराष्ट्र में एक महीने से चला आ रहा राजनीतिक गतिरोध आज सुबह देवेन्द्र फडणवीस के नाटकीय तरीके से फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद समाप्त हो गया। एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में आज तड़के राष्ट्रपति शासन समाप्त करने के बाद भाजपा नेता देवेन्द्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दोनों नेताओं को मुम्बई में राजभवन में एक सादे समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथग्रहण समारोह के बाद संवाददाताओं से बातचीत में श्री फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने चुनाव में स्पष्ट जनादेश दिया था, मगर शिवसेना ने अन्य राजनीतिक दलों के साथ गठजोड़ की कोशिशें शुरू कर दी थीं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र को स्थिर सरकार की जरूरत है, न कि खिचड़ी सरकार की।
संवाददाताओं से बातचीत में उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से आज तक कोई भी अन्य पार्टी महाराष्ट्र में सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी। इससे किसानों समेत राज्य के लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। इसीलिए उन्होंने राज्य में स्थिर सरकार देने के लिए यह कदम उठाया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवेन्द्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री अजित पवार को बधाई दी है। एक ट्वीट संदेश में प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया है कि नई सरकार महाराष्ट्र के उज्जवल भविष्य के लिए कड़ी मेहनत से कार्य करेगी।
केन्द्रीय मंत्री अमित शाह और नितिन गड़करी ने भी दोनों नेताओं को शुभकामनाएं दी हैं।
इस बीच, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार ने स्पष्ट किया है कि महाराष्ट्र में सरकार के गठन के लिए भाजपा को समर्थन देने का फैसला उनके भतीजे अजित पवार का व्यक्तिगत निर्णय है। मुम्बई में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में शरद पवार ने कहा कि अजित पवार का फैसला पार्टी की नीति के खिलाफ है और अनुशासनहीनता है। उन्होंने कहा कि अजित पवार के खिलाफ निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कोई भी नेता या कार्यकर्ता एनसीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गठन के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि जो विधायक भाजपा के साथ जा रहे हैं, उन्हें यह जान लेना चाहिए कि देश में दल-बदल विरोधी कानून है और इसके अंतर्गत उनकी सदस्यता समाप्त हो सकती है। श्री पवार ने कहा कि पार्टी के सभी विधायकों को बहुत जल्द एक मंच पर लाया जाएगा।
पत्रकार वार्ता में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी ने महाराष्ट्र के हित में हरसंभव प्रयास किया है।
शरद पवार ने आज शाम साढ़े चार बजे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों की बैठक भी बुलाई है। कांग्रेस ने भी मुम्बई में पार्टी कार्यालय में अपने नेताओं की बैठक बुलाई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और के सी वेणुगोपाल इस बैठक में मौजूद रहेंगे।
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर जारी राजनीतिक गतिरोध को देखते हुए इस महीने की 12 तारीख को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था। चुनाव में भाजपा 288 सीटों वाली विधानसभा में 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई थी। शिवसेना ने 56, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं।
इस बीच, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायकों को गुमराह किया गया था और अब वे वापस पार्टी के साथ लौट रहे हैं। संवाददाताओं से बातचीत में उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अन्तत: शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस की सरकार बनेगी।
कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने कहा है कि इस मामले में कांग्रेस की अनावश्यक रूप से बदनामी हुई है और शिवसेना के साथ गठबंधन के बारे में सोचना एक भूल थी।